Ashta Laxmi Stotram Lyrics in Hindi and English with Meaning, अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम् देवी लक्ष्मी के आठ रूपों का गुणगान करने वाला पवित्र स्तोत्र है। ये आठ स्वरूप – आदिलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, धैर्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी, और धनलक्ष्मी – जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे समृद्धि, धैर्य, ज्ञान, विजय, संतान, और धान्य (अन्न) में आशीर्वाद देने के लिए माने जाते हैं। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से व्यक्ति सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त करता है, और सभी कष्टों तथा परेशानियों से मुक्ति का अनुभव करता है। अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम् की महत्ता हिंदू संस्कृति में गहरी है, जो भक्तों के जीवन में संतुलन और आंतरिक शांति लाने में सहायक मानी जाती है।
अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्, Ashta Laxmi Stotram Lyrics in Hindi with Meaning
आदिलक्ष्मी
सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि, चन्द्र सहोदरि हेममये,
मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायनि, मञ्जुल भाषिणि वेदनुते।
पङ्कजवासिनि देव सुपूजित, सद्गुण वर्षिणि शान्तियुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, आदिलक्ष्मी परिपालय माम्।
अर्थ:
हे आदिलक्ष्मी! सुंदर देवी, जिनकी पूजा सभी साधक करते हैं, और जो सोने जैसी दमकती हैं। चन्द्रमा की बहन, मुनियों द्वारा वंदित, मोक्ष देने वाली, मधुर वाणी में बोलने वाली, और वेदों द्वारा पूजित। हे कमल पर विराजने वाली, देवताओं द्वारा पूजित, जो सद्गुणों की वर्षा करती हैं और शांति स्वरूप हैं—हे मधुसूदन की प्रियतमा, आदिलक्ष्मी, मेरी रक्षा कीजिए!
धान्यलक्ष्मी
अयि कलि कल्मष नाशिनि कामिनि, वैदिक रूपिणि वेदमये,
क्षीर समुद्भव मङ्गल रूपिणि, मन्त्र निवासिनि मन्त्रनुते।
मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि, देवगणाश्रित पादयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, धान्यलक्ष्मी सदापालय माम्।
अर्थ:
हे धान्यलक्ष्मी! हे, जो बुराइयों को नष्ट करती हैं, वैदिक रूप और वेदों का स्वरूप हैं। जो क्षीर सागर से उत्पन्न हुई हैं और मंगलमयी हैं, मंत्रों की निवासिनी हैं, और मंत्रों द्वारा वंदित हैं। शुभ देने वाली, कमल पर विराजमान, जिनके चरण देवता आश्रित करते हैं—हे मधुसूदन की प्रियतमा, सदैव मेरी रक्षा करें, धान्यलक्ष्मी!
धैर्यलक्ष्मी
जयवर वर्षिणि वैष्णवि भार्गवि, मन्त्र स्वरूपिणि मन्त्रमये,
सुरगण पूजित शीघ्र फलप्रद, ज्ञान विकासिनि शास्त्रनुते।
भवभय हारिणि पाप विमोचनि, साधु जनाश्रित पादयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, धैर्यलक्ष्मी परिपालय माम्।
अर्थ:
हे धैर्यलक्ष्मी! हे विजयी लक्ष्मी, जो वैष्णवी हैं, भृगु की पुत्री और मंत्र स्वरूप हैं। देवताओं द्वारा पूजित, शीघ्र फल देने वाली, ज्ञान को बढ़ाने वाली, और शास्त्रों में निहित हैं। संसार के भय को हरने वाली, पापों से मुक्त करने वाली, और साधुओं द्वारा वंदित चरणों वाली—हे मधुसूदन की प्रियतमा, धैर्यलक्ष्मी, मेरी रक्षा कीजिए!
गजलक्ष्मी
जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि, सर्वफलप्रद शास्त्रमये,
रथ गज तुरग पदाति समावृत, परिजन मण्डित लोकनुते।
हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित, ताप निवारिणि पादयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, गजलक्ष्मी रूपेण पालय माम्।
अर्थ:
हे गजलक्ष्मी! जय हो दुर्गति का नाश करने वाली, शास्त्रों की स्वरूपा, जो सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। हाथी, घोड़े, रथ और पैदल सेवकों से घिरी हुई हैं और आपके अनुयायी आपको सम्मानित करते हैं। हरि, हर और ब्रह्मा द्वारा पूजित, ताप हरने वाली, जिनके चरणों में सभी सुख पाते हैं—हे मधुसूदन की प्रियतमा, गजलक्ष्मी रूप में मेरी रक्षा करें!
सन्तानलक्ष्मी
अयिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि, रागविवर्धिनि ज्ञानमये,
गुणगणवारधि लोकहितैषिणि, सप्त स्वर भूषित गाननुते।
सकल सुरासुर देव मुनीश्वर, मानव वन्दित पादयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, सन्तानलक्ष्मी त्वं पालय माम्।
अर्थ:
हे सन्तानलक्ष्मी! हे पक्षी की सवारी करने वाली, मोहिनी रूप, चक्र धारण करने वाली, राग बढ़ाने वाली, और ज्ञान स्वरूपा। गुणों की महासागर, संसार के हितैषी, और सात स्वरों से अलंकृत संगीत में पूजित। सभी देवता, मुनि और मनुष्यों द्वारा वंदित चरणों वाली—हे मधुसूदन की प्रियतमा, सन्तानलक्ष्मी, मेरी रक्षा कीजिए!
विजयलक्ष्मी
जय कमलासिनि सद्गति दायिनि, ज्ञानविकासिनि गानमये,
अनुदिन मर्चित कुङ्कुम धूसर, भूषित वासित वाद्यनुते।
कनकधरास्तुति वैभव वन्दित, शङ्करदेशिक मान्यपदे,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, विजयलक्ष्मी सदा पालय माम्।
अर्थ:
हे विजयलक्ष्मी! कमल पर विराजमान, सद्गति देने वाली, ज्ञान को बढ़ाने वाली, संगीत में वंदनीय। प्रतिदिन कुमकुम से सजी, सुंदर गंध से महकती, और वाद्य यंत्रों में पूजित। सोने की वर्षा की स्तुति द्वारा वंदित, आदरणीय चरणों वाली—हे मधुसूदन की प्रियतमा, विजयलक्ष्मी, मेरी सदा रक्षा कीजिए!
विद्यालक्ष्मी
प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि, शोकविनाशिनि रत्नमये,
मणिमय भूषित कर्णविभूषण, शान्ति समावृत हास्यमुखे।
नवनिधि दायिनि कलिमलहारिणि, कामित फलप्रद हस्तयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, विद्यालक्ष्मी सदा पालय माम्।
अर्थ:
हे विद्यालक्ष्मी! देवी सरस्वती, जो भृगु की पुत्री हैं, दुखों का नाश करने वाली, रत्नों से अलंकृत। मणियों के कुंडल धारण किए, शांति से भरी मुस्कान वाली। नौ निधियों की दात्री, कलियुग के पापों का नाश करने वाली, और इच्छित फल देने वाले हाथों वाली—हे मधुसूदन की प्रियतमा, विद्यालक्ष्मी, मेरी सदा रक्षा कीजिए!
धनलक्ष्मी
धिमिधिमि धिन्धिमि धिन्धिमि-दिन्धिमि, दुन्धुभि नाद सुपूर्णमये,
घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम, शङ्ख निनाद सुवाद्यनुते।
वेद पुराणेति हास सुपूजित, वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनि, धनलक्ष्मी रूपेणा पालय माम्।
अर्थ:
हे धनलक्ष्मी! आपकी उपस्थिति ढोल नगाड़ों और शंख की ध्वनि से गूंजती है। वेद, पुराण और इतिहास में आपकी पूजा होती है, जो वैदिक मार्ग दिखाती हैं। हे मधुसूदन की प्रियतमा, धनलक्ष्मी रूप में मेरी रक्षा कीजिए!
फलशृति
अष्टलक्ष्मी नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विष्णुवक्षः स्थला रूढ़े भक्त मोक्ष प्रदायिनि॥
अर्थ:
हे अष्टलक्ष्मी! आपको नमन, वरदान देने वाली, जो इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। विष्णु के वक्ष पर विराजमान, भक्तों को मोक्ष देने वाली देवी!
अन्तिम श्लोक
शङ्ख चक्रगदाहस्ते विश्वरूपिणिते जयः।
जगन्मात्रे च मोहिन्यै मङ्गलं शुभ मङ्गलम्॥
अर्थ:
शंख, चक्र, और गदा धारण करने वाली विश्वरूपिणी को जय हो! जगत की माता और मोहिनी को मंगल और शुभ आशीर्वाद प्राप्त हो!
Ashta Laxmi Stotram Lyrics in English with Meaning
Aadi Lakshmi
Sumanas vandit sundari Madhavi, chandra sahodari hemamaye,
Munigan vandit moksha pradayini, manjul bhashini vedanute.
Pankajvasini dev supujit, sadgun varshini shantiyute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Aadi Lakshmi paripalaya maam.
Meaning:
Oh, primordial goddess Lakshmi, adored by wise ones, beautiful and radiant like gold. Sister of the moon, revered by sages as the giver of salvation, with sweet speech, and praised by the Vedas. Residing in the lotus, worshipped by gods, showering noble qualities, and embodying peace—O consort of Madhusudan, protect me, Aadi Lakshmi!
Dhaanya Lakshmi
Ayikali kalmash nashini kamini, vaidik roopini vedamaye,
Ksheer samudbhav mangal roopini, mantranivasini mantranute.
Mangaladayini ambujavasini, devganashrit padayute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Dhaanya Lakshmi sada paalaya maam.
Meaning:
Oh, goddess Dhaanya Lakshmi, destroyer of evil, Vedic in form and embodiment of the sacred Vedas. Arisen from the ocean of milk, auspicious in form, residing in mantras and adored by chants. Giver of blessings, dwelling on the lotus, whose feet are relied upon by the divine—O beloved of Madhusudan, always protect me, Dhaanya Lakshmi!
Dhairya Lakshmi
Jayavar varshini Vaishnavi Bhargavi, mantra swaroopini mantramaye,
Suragan pujit sheeghra phalaprad, gyaan vikasini shaastranute.
Bhavbhaya haarini paapvimochani, sadhu janashrit padayute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Dhairya Lakshmi paripalaya maam.
Meaning:
O Dhairya Lakshmi, granter of victory and courage, form of Vishnu’s power, divine daughter of Bhrigu, and essence of sacred mantras. Worshipped by the gods, quickly granting fruits, and fostering wisdom, praised in scriptures. Remover of fear and sins, with feet sought by the pious—O consort of Madhusudan, protect me, Dhairya Lakshmi!
Gaja Lakshmi
Jai Jai durgati naashini kamini, sarvafalprad shaastramaye,
Rath gaj turag padati samaavrit, parijan mandit lokanute.
Harihar brahma supujit sevita, taap nivarini padayute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Gaja Lakshmi rupena paalaya maam.
Meaning:
Victory to you, Gaja Lakshmi, remover of misfortune, granter of all fruits, and embodiment of knowledge. Surrounded by elephants, horses, and chariots, adorned by followers and praised by the world. Worshipped by Vishnu, Shiva, and Brahma, remover of distress—O beloved of Madhusudan, protect me as Gaja Lakshmi!
Santaan Lakshmi
Ayikhag vaahini Mohini chakrini, raag vivardhini gyaanamaye,
Gunagan vaaradhi lokahitaishini, svarasapt bhooshit gaananute.
Sakal surasur dev muneeshwar, manav vandit padayute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Santaan Lakshmi tvaam paalaya maam.
Meaning:
O Santaan Lakshmi, you who rides on birds, enchanting and armed with a discus, enhancing devotion and embodiment of wisdom. Ocean of virtues, wishful for humanity’s good, adorned with the seven musical notes. Worshipped by all gods, sages, and humans alike—O beloved of Madhusudan, protect me, Santaan Lakshmi!
Vijaya Lakshmi
Jai kamalasini sadgati dayini, gyaanvikasini gaanamaye,
Anudin marchit kunkum dhoosar, bhooshit vaasit vaadyanute.
Kanakdharaa stuti vaibhav vandit, Shankaradeshik maanyapade,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Vijaya Lakshmi sada paalaya maam.
Meaning:
O Vijaya Lakshmi, seated on a lotus, is a granter of good fortune and a promoter of wisdom, cherished in music. Adorned daily with vermilion and fragrant ornaments, praised by the golden shower stotra, and revered by holy sages—O consort of Madhusudan, always protect me, Vijaya Lakshmi!
Vidya Lakshmi
Pranat Sureshwari Bharati Bhargavi, shokvinasini ratnamaye,
Manimay bhooshit karnavibhooshan, shanti samavrit haasyamukhe.
Navanidhi dayini kalimalhaarini, kaamit phalprad hastayute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Vidya Lakshmi sada paalaya maam.
Meaning:
O Vidya Lakshmi, goddess of knowledge, descended from Bhrigu, remover of sorrows and adorned with gems. Decorated with jeweled earrings, ever smiling in peace. Granting the nine treasures and dispeller of darkness, holding the blessings in your hands—O consort of Madhusudan, always protect me, Vidya Lakshmi!
Dhana Lakshmi
Dhimidhimi dhindhimi dhin-dhindhimi, dundhubhi naad supoornamaye,
Ghumaghum ghunghum ghunghum, shankh ninaad suvaadyanute.
Ved puraanetihas supujit, Vaidik maarg pradarshayute,
Jai Jai he Madhusudan kamini, Dhan Lakshmi rupena paalaya maam.
Meaning:
O Dhana Lakshmi, the goddess of wealth, whose presence fills the air with drumbeats and conch sounds. Honored in the Vedas, Puranas, and Epics, guiding the path of righteousness. O beloved of Madhusudan, protect me in your form as Dhan Lakshmi!
Phalashruti
Astalaxmi namastubhyam varade kaamarupini,
Vishnuvakshah sthala roodhe bhakta moksha pradayini.
Meaning:
Salutations to you, the eight forms of Lakshmi, wish-granter, and embodiment of desires. You reside in the chest of Vishnu and grant liberation to devotees.
Final Shloka
Shankha chakra gadahaste vishwaroopinite jaya,
Jagat maatre ch mohinya mangalam shubha mangalam.
Meaning:
Victory to you who holds the conch, discus, and mace, universal in form, the mother of the world, and enchantress. May auspicious blessings be upon all